कमलेश यादव : बारिश की रिमझिम बूंदें केवल मौसम को नहीं भिगोतीं, बल्कि हमारे मन-मस्तिष्क को भी प्रभावित करती हैं। कई बार यह मौसम सुहावना लगता है, तो कभी-कभी यह उदासी, सुस्ती और अकेलेपन का कारण बन जाता है। ऐसे में खुद को सकारात्मक बनाए रखना एक कला है, जिसे हम सब सीख सकते हैं। आइए जानें कि बारिश के मौसम में हम अपने मन को कैसे सकारात्मक बनाए रखें।

प्रकृति से जुड़िए हर बूंद में उम्मीद देखिए : बारिश जीवन की नमी है। जब धरती सूख जाती है, तब यही पानी उसे जीवन देता है। ऐसे ही हमारे जीवन में भी कठिन समय में सकारात्मक सोच एक बारिश की तरह होती है, जो हमें नई ऊर्जा देती है। घर की बालकनी में बैठकर चाय की चुस्कियों के साथ बारिश का आनंद लीजिए। ये पल खुद से जुड़ने का सबसे सुंदर माध्यम बन सकते हैं।

रचनात्मक बनिए अंदर की कला को जगाइए: बारिश का मौसम अपने भीतर छिपे कलाकार को बाहर लाने का एक बेहतरीन समय है। आप कविता लिख सकते हैं, पेंटिंग कर सकते हैं, पुराने एल्बम देख सकते हैं या अपने पसंदीदा गानों की प्लेलिस्ट बना सकते हैं। ऐसे काम आपको उत्साहित और प्रोडक्टिव बनाए रखते हैं।

किताबों और चाय की दोस्ती : बारिश और किताबें जैसे दो पुराने दोस्त होते हैं। एक अच्छी किताब और एक कप गर्म चाय जीवन की तमाम नकारात्मकता को धो देती है। ऐसे पल न सिर्फ जानकारी देते हैं, बल्कि हमें मानसिक शांति भी प्रदान करते हैं।

अपनों के साथ समय बिताइए: बारिश अकेलेपन का कारण न बने, इसके लिए परिवार के साथ समय बिताइए , बातें कीजिए या कोई मूवी नाइट प्लान कीजिए। पॉजिटिव सोच के लिए रिश्तों की मिठास जरूरी है।

व्यायाम और मेडिटेशन से मन को साफ रखिए: बारिश के दिनों में हम अक्सर घर के अंदर रहते हैं और शारीरिक सक्रियता कम हो जाती है। लेकिन थोड़े-से योग, स्ट्रेचिंग या ध्यान से शरीर और मन दोनों तरोताजा बने रहते हैं। ध्यान (Meditation) हमें नकारात्मक सोचों से बाहर निकालने में मदद करता है।

आभार प्रकट करें: बारिश जब आती है, तो कई बार योजनाएं रुक जाती हैं, सड़कें बंद हो जाती हैं। लेकिन यह सोचिए कि यह मौसम किसानों के लिए, धरती के लिए, पेड़ों और नदियों के लिए कितना जरूरी है। जब आप प्रकृति के इस संतुलन को समझते हैं, तो आपके भीतर एक नई पॉजिटिव सोच जन्म लेती है।

भविष्य की योजनाएं बनाइए: इस मौसम में आप अपने भविष्य के लक्ष्य, सपने और योजनाएं एक डायरी में लिख सकते हैं। इससे आप खुद को प्रेरित और संगठित महसूस करेंगे। यह समय आत्म-निरीक्षण का हो सकता है, जहाँ आप खुद को बेहतर जान पाएंगे। बारिश केवल मौसम नहीं, एक अवसर है — ठहरने, सोचने, और मुस्कराने का। यह हमें सिखाती है कि अगर आसमान के बादल बरस सकते हैं, तो मन के बोझ भी हल्के किए जा सकते हैं। बस ज़रूरत है तो हर बूंद में उम्मीद, हर बादल में कहानी और हर गरज में साहस ढूँढने की।

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