कमलेश यादव: सोशल मीडिया की ताकत का इस्तेमाल कर खैरागढ़ छुईखदान गंडई जिले के सिंघौरी गांव के युवा उद्यमी जितेन्द्र वर्मा ने यह साबित कर दिया है कि अगर सपने बड़े हों और सच्चे मन से मेहनत की जाए तो हर बाधा को पार किया जा सकता है। दक्षिण अफ्रीकी बोअर बकरियों से शुरू हुआ उनका कारोबार अब खूब फलने-फूलने लगा है।

गौरतलब है कि, जितेंद्र ने पूजा बोअर बकरी फार्म की स्थापना करके व्यवसाय की दुनिया में कदम रखा। यह फार्म दक्षिण अफ्रीकी बोअर बकरियों की विशेष नस्ल के लिए जाना जाता है। इन बकरियों की उच्च गुणवत्ता और विशेष नस्ल के कारण इनकी मांग न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी है।

आज उनकी विशेष नस्ल की बकरियों की मांग छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, गुजरात जैसे राज्यों तक पहुंच गई है। गरीबी और संसाधनों की कमी को कोसने के बजाय, जितेंद्र ने सिर्फ अपने कर्म पर विश्वास किया और खूब मेहनत की। अपनी कड़ी मेहनत और लगन से उन्होंने न केवल अपने सपने साकार किए बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणा बन गए। शुरुआत में चुनौतियों का सामना करना आसान नहीं था, लेकिन जितेंद्र ने अपने आत्मविश्वास और सोशल मीडिया के इस्तेमाल को अपनी ताकत बनाया। उन्होंने अपने फार्म का प्रचार डिजिटल प्लेटफॉर्म पर किया, जिससे उनका कारोबार भारत के अलग-अलग राज्यों में तेजी से फैल गया। आज देश-विदेश से लोग उनके फार्म पर इन दुर्लभ और अनोखी नस्ल की बकरियों को देखने आते हैं।

उनके प्रयासों से न केवल उन्हें आर्थिक सफलता मिली है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी पैदा हुए हैं। उनकी सफलता यह संदेश देती है कि सही दृष्टिकोण और समर्पण से कुछ भी असंभव नहीं है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस जिले या गांव से हैं, बस आपके अंदर हिम्मत और कुछ कर गुजरने का जज्बा होना चाहिए।

जितेंद्र सोचने वालों में से नहीं बल्कि करने वालों में से हैं। उनके जीवन का एक ही मूलमंत्र है कि तकनीक के साथ की गई मेहनत एक दिन जरूर रंग लाती है। युवा उद्यमी जितेंद्र वर्मा ने दिखा दिया है कि सही दिशा, इनोवेशन और कड़ी मेहनत से न सिर्फ सफलता पाई जा सकती है, बल्कि अपने गांव और देश का नाम भी रोशन किया जा सकता है।

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