कारवी यादव : भारत की जनजातीय विविधता में अंडमान की जारवा जनजाति अत्यंत रहस्यमयी और विलुप्ति के कगार पर मानी जाती है। बाहरी लोगों से मिलना-जुलना उनके लिए वर्जित माना जाता है और वे अपने क्षेत्र में किसी का प्रवेश सहन नहीं करते। जहरीले धनुष-बाण से लैस यह जनजाति अपनी उग्रता के लिए जानी जाती है, लेकिन इन्हीं जारवा लोगों के जीवन को बचाने का श्रेय डॉ. रतन चंद्र कर को जाता है। उनकी निष्ठा और साहस ने न केवल इस जनजाति को खसरा जैसी महामारी से बचाया बल्कि उनके बीच विश्वास का सेतु भी बनाया।

गौरतलब है कि, 1998 में जब अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के एक हिस्से में खसरे का प्रकोप फैला, तो स्वास्थ्य विभाग के लिए यह स्थिति बेहद चुनौतीपूर्ण बन गई थी। जारवा समुदाय बाहरी लोगों से दूर रहते थे, ऐसे में उनके इलाज तक पहुंचना लगभग असंभव माना जा रहा था। इसी समय तत्कालीन चिकित्सा अधिकारी डॉ. रतन चंद्र कर को यह जिम्मेदारी सौंपी गई। खतरे का अंदेशा होते हुए भी उन्होंने इस चुनौती को स्वीकार किया। डॉ. रतन का परिवार इस निर्णय को लेकर बेहद चिंतित था।

उनकी पत्नी अंजलि और बेटे तनुमय व अनुमय ने बार-बार सुरक्षा की चिंता जताई, लेकिन डॉक्टर साहब का मानना था कि जीवन में ऐसा अवसर बार-बार नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि यदि वे पीछे हट गए तो यह जनजाति खसरे की चपेट में आकर खत्म हो सकती है।

इस दृढ़ निश्चय के साथ वे कदमतला और लखरालुंगटा के रास्ते जारवा समुदाय तक पहुंचे। पहली मुलाकात में जारवा लोग संदेह से भरे और हथियारों से लैस थे। डॉ. रतन ने उनका मन जीतने के लिए नारियल और केले जैसे उपहार साथ ले गए।

धीरे-धीरे बातचीत और उपचार के जरिये उन्होंने विश्वास का माहौल बनाया। जब उन्होंने एक घायल जारवा का इलाज किया और दवा असरदार साबित हुई, तो अगले दिन जनजाति का रवैया पूरी तरह बदल गया। वे स्वागत के मूड में दिखे और डॉक्टर साहब को अपनाने लगे।

डॉ. रतन चंद्र कर का यह अनुभव उनके लिए जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। इससे पहले वे नागालैंड की कोन्याक जनजाति के साथ काम कर चुके थे और वही अनुभव यहां उपयोगी साबित हुआ। कठिन परिस्थितियों में भी उनका धैर्य और मानवीय दृष्टिकोण रंग लाया और उन्होंने जारवा समुदाय को महामारी की चपेट से बचा लिया। उनकी इस असाधारण सेवा और साहस के लिए उन्हें पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया। आज भी डॉ. रतन चंद्र कर का नाम जारवा जनजाति के जीवन-रक्षक के रूप में लिया जाता है।

Share

अन्य समाचार

indira-2ea8acd3ad94feff97ba1022bc84fb67

भारत की आयरन लेडी इंदिरा गांधी, जिनकी इच्छाशक्ति ने बदला देश का भविष्य

Indira Gandhi Death Anniversary 2025: भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर जानिए उनका जीवन परिचय, प्रमुख उपलब्धियां और ऐतिहासिक निर्णय जिन्होंने बदला भारत का भविष्य।


Read More...
people-8112172-1280

Chhath Puja 2025: छठ पूजा, जानें डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के नियम

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा का तीसरा दिन होता है. इस दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. तो चलिए जानते हैं कि किस विधि से आज शाम सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा


Read More...
img-20251024-072155

बीएसएफ की एक महिला कांस्टेबल ने मात्र पांच महीने में वह उपलब्धि हासिल कर इतिहास रच दिया जिसे हासिल करने में 18 साल लगते हैं

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की कांस्टेबल शिवानी ने मात्र पांच महीनों में हेड कांस्टेबल बनकर इतिहास रच दिया। उन्हें यह पदोन्नति 2025 में विश्व वुशु चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने के बाद मिली। महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने उन्हें सम्मानित किया। शिवानी का अगला लक्ष्य विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतना है और इसके लिए वह कड़ी मेहनत कर रही हैं। यह उपलब्धि बीएसएफ के इतिहास में पहली बार हुई है।


Read More...
dr-sneh-bhargava-606734e4279fb99370ccc40ede518dee

डॉ. स्नेहा भार्गव का पहली महिला रेडियोलॉजिस्ट से लेकर एम्स की पहली महिला निदेशक बनने तक का सफर

आज जब देश में लाखों महिलाएं डॉक्टर बनने का सपना देखती हैं, तो डॉ. स्नेह भार्गव पहली महिला रेडियोलाॅजिस्ट्स बनने से लेकर एम्स की पहली महिला डायरेक्टर बनने तक के सफर से प्रेरणा ले सकती हैं।


Read More...
img-20251011-085302

नोबेल शांति पुरस्कार 2025 : "मारिया कोरिना माचाडो" एक ऐसी महिला जो बढ़ते अंधकार के बीच लोकतंत्र की लौ जलाए रखती है

नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने वेनेज़ुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना माचाडो को 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार दिया। उन्हें यह पुरस्कार लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए उनके संघर्ष और तानाशाही से लोकतंत्र में शांतिपूर्ण परिवर्तन के प्रयासों के लिए मिला है। समिति ने उन्हें लोकतंत्र की लौ जलाने वाली साहसी महिला बताया। वेनेज़ुएला के चुनावों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।


Read More...
nepal-kumari-fee41170fca31bd38b6e20b69bc97a48

प्रथा : आइए जानते हैं कौन हैं आर्यतारा शाक्य, क्या है कुमारी प्रथा और कैसे एक छोटी बच्ची नेपाल की जीवित देवी बनती है

आर्यतारा शाक्य के चयन ने एक बार फिर इस प्राचीन परंपरा को चर्चा में ला दिया है। आइए जानते हैं कौन हैं आर्यतारा शाक्य, क्या है कुमारी प्रथा और कैसे एक छोटी बच्ची नेपाल की जीवित देवी बनती है।


Read More...
kamalathal-idli-amma-8a754da24c039c68ec4bc6f603f2ab66

1 रुपये में सिर्फ इडली नहीं, अपनापन परोसती हैं इडली अम्मा

इडली अम्मा कमला महल की कहानी सिर्फ इडली बनाने की नहीं, बल्कि समाज को अपनापन और आत्मीयता देने की कहानी है। उन्होंने साबित किया कि बिना ब्रांड, बिना शोहरत और बिना लालच के भी कोई दिल नहीं जीत सकता।


Read More...
mountains-3771960-1280-1

सड़क पर जीवन बचाने का संकल्प...एक्‍सीडेंट में घायल को अस्‍पताल पहुंचाया तो कहलाएंगे 'राहवीर', मिलेगा पुरस्कार

इस योजना का मूल उद्देश्य है सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को तुरंत अस्पताल पहुँचाना। सरकार ने स्पष्ट किया है कि जो भी व्यक्ति इस नेक कार्य में मदद करेगा, उससे पुलिस या चिकित्सक अनावश्यक प्रश्न नहीं करेंगे।


Read More...
03-09-2025-chip-24033935-73744393

भारत ने बनाई स्वदेशी माइक्रो चिप : आत्मनिर्भर भारत का डिजिटल हीरा

दुनिया में अभी ताइवान अमेरिका चीन दक्षिण कोरिया मलेशिया जैसे देश चिप का निर्माण करते हैं। वहीं अब भारत ने भी स्वदेशी चिप बना ली जो कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम है।


Read More...
images-2

22 सितंबर से लागू होंगी नई जीएसटी दरें, ब्रेड-दूध से कार-एसी तक होंगे सस्ते

मोदी सरकार ने जीएसटी दरों में बड़े बदलाव किए हैं जिसके तहत अब सिर्फ दो दरें - 5% और 18% होंगी। 12% और 28% के स्लैब खत्म कर दिए गए हैं।


Read More...